ग़ज़ल ग़ज़ल
ईश्वर का वरदान है बेटी, अब समझ मे आ गया अब समझ मे आ गया। ईश्वर का वरदान है बेटी, अब समझ मे आ गया अब समझ मे आ गया।
इस सुर्ख सी निकलती सूरज की किरणों में तुम्हारे केशों में खो जाने को करता है ये मन, छोड़ कार्य पथ को... इस सुर्ख सी निकलती सूरज की किरणों में तुम्हारे केशों में खो जाने को करता है ये म...
मेरी बेटी मेरी बेटी
सब ही तो अनमोल है आज कल अमीर हैं हम भी इसी अहसास से। सब ही तो अनमोल है आज कल अमीर हैं हम भी इसी अहसास से।
आओ नारी शिक्षा का दीप जलाएं, हम अज्ञानता का तिमिर मिटाएं । आओ नारी शिक्षा का दीप जलाएं, हम अज्ञानता का तिमिर मिटाएं ।